कलुआ मसान (कालिया मसान,कालूवीर,काला वीर,काला कलवा) तंत्र मंत्र सिद्धि विधि----
यह साधना रात्रिकालीन 12 बजे से श्मशान में शुरू की जाती है।
साधक डरपोक नही होना चाहिये।भीरु कायर भी नही होना चाहिये।
किसी भयानक चेहरे अथवा किसी भयानक आवाज को सुनकर डर कर भागना नही चाहिए।
सामग्री--साधक को यह सभी सामग्री बाजार से लेनी चाहिये,,
एक मुर्गी का देशी अंडा
एक दारू देशी की बोतल
5 नींबू
50 ग्राम काले तिल
50 ग्राम राई
250 ग्राम सरसो का तेल
5 लौंग
1.25मीटर लाल कपड़ा
दिया
रुई की बाती
माचिस
चमेली या मोगरे का 50 ग्राम इतर (अत्तर, इत्र, अतर)
शमशान में गुरु को साथ ले जाये।।
जिनके गुरु नही है वो न करे।
यह सिद्धि शनिवार ,अमावस्या को सिद्ध की जाती है।
साधक चिता के चरणों मे बैठकर मध्य में कपड़ा विछाकर सभी सामग्री लगाय,,
फिर 101 बार महाकाली -महाकाली का नाम लेकर प्रत्येक नाम पर अंडे पर एक एक फूंक मारता जाए।इसके बाद अंडा (देशी) दोनों हाथ से उठाकर चिता के सिर पर रख दे और फिर मदिरा की धार दे। तब साधक को भयंकर आँधी जैसा लगेगा और चिता के सिर के तरफ एक बबूला दिखेगा साधक को उसमे 5 लौंग फेंकनी चाहिये,फिर काले तिल।।
तब जमीन उखडेगी और साधक को कलुआ मसान के दर्शन होंगे तब साधक मसान को इत्र चढ़ाए।नमस्कार करे और वचन ले।
तब वचन होने के बाद उससे उसकी कोई अस्थि मांगे जिससे आप उसको बुला सको,,तब आपको उसके हाँ कहते ही बबंडर में प्रवेश करना है तो कलुआ मसान भूमि में वापस चला जायेगा और जमीन पर जो अस्थि आपने मांगी होगी वह रह जायेगी,उस अस्थि को एकदम नही उठाना,उसको श्मशान के किसी भी बन्धन मन्त्र से बांध कर उठाना है,फिर सभी सामग्री चिता को अर्पण करके अस्थि को अपने साथ लेकर घर आ जाय।
घर प्रवेश से पूर्व नहाय।
फिर एक दिन रुक कर अगले दिन अस्थि हाथ मे लेकर वचनोनुसार कलुआ प्रेत बुलाय। यह शक्तिशाली प्रेत प्रकट हो जाएगा बन्द आँखो में और साधक के सभी कार्य सम्पन्न करेगा।।
साधना से पूर्व पवित्रीकरण,वास्तु दोष पूजन,गुरु पूजन ,संकल्प,सुरक्षा मन्त्र अनिवार्य है।।
यह साधना जानकारी हेतु है।
सिद्धि का गलत उपयोग न करे।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार
उत्तराखण्ड
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07669101100
08868035065
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vishnuavtar8@gmail.com
आदेश आदरणीय साधु महाराज इस कालीया मसान अर्थात काला वीर मन्त्र साधना संबंधित हमारा एक प्रश्न है की इस मंत्र साधना विधि में बताया गया है की चिता के पैरों के तरफ बैठकर अंडे पर जय काली मां के 101 जाप करते हुए फूंक मारनी होती है तो हमारा प्रश्न यह कि है की चिता के पैर हमेशा दक्षिण दिशा की तरफ होता है तो क्या साधना करने वाले साधक को उत्तर की तरफ मुंह करके अर्थात चिता की तरफ मुंह करके यह पूजा करनी चाहिए या चिता के पैरों के तरफ पीठ घुमाकर दक्षिण दिशा में मुंह करके जप करना चाहिए क्योंकि यह सब जानते हैं की शमशान संबंधित उग्र पूजा दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके करनी चाहिए कृपया विस्तार से समझाने की अति शिघ्र कृपा करें आदेश आदेश
ReplyDeleteआदेश आदरणीय साधु महाराज जैसा आपने अपनी कालिया मसान के बारे मे विधि विधान दिया था आज सोमवती अमावस्या 4--2--2019 के रात्रि श्मशान भूमि में रात्रि को एक देशी अण्डै पर 101बार महा काली के जाप पश्चात जलती हुई चिता पर देशी शराब की धारा दि तथा सभी कार्य विधि के अनुसार किया मगर कालिया वीर के दर्शन नहीं हुए तब मजबुरन हमें काली उडद को मृतक के चिता पर मन्त्र जप करते हुए उडद पकाने पडे कृपया किसी को ऐसी जुठी विधि विधान न बताए अन्यथा क्रोध राज क्रोध अधिपति क्रोध भैरव के क्रोधा अग्नि अर्थात कोप का भागीदार बन सकते है आदेश आदेश
ReplyDeleteGuru jee pradam app kichardo me ramkripal chauhan mughe siddhi karna hey aap mere guru ban Jaye Maharaj jee ap kee kiripa hogi
ReplyDeleteMeri giyasa h ki AAP log yeh sab vagera baatein kaha se latee ho, agar kitaboo se laate ho toh vo toh koi bhi dekh Sakta h or agar Guru Mukhi shabddh h toh koi bhi Guru secret batanee ki anumati kabhi nahi deta or jise battaya jata h sirf ussii ke kaam ka hota h koi mantra tantra yantra or aaplog kisi Ko bhi batta dete ho?????????
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