यक्ष सिद्धि-यह सिद्धि 21 दिन की होती है।इसमे साधक भीम यक्ष सिद्ध करता है,जो साधक को बल प्रदान करते है और साथ में अन्य शक्ति भी । यह बल साधक अपने बल की तुलना में हजार गुना बढ़ा सकता है।इसके अतिरिक्त अन्य यक्ष भी है जिनके नाम यहाँ दिए जा रहे है किंतु सिद्धि विधान नही दिया जाएगा।केवल भीम यक्ष सिद्धि विधान दिया जाएगा।यह सिद्धि किसी भी शुक्ल पक्ष के पुष्य,मघा,अनुराधा नक्षत्र मे मंगलवार के दिन से शुरू की जाती है।सिद्धि मे दिशा उत्तर ,साधक के वस्त्र लाल,आसन लाल,रुद्राक्ष माला ,माथे पर सिंदूर का तिलक लगाय।अगर साधक श्मशान में सिद्धि कर रहा है तो माथे पर काला तिलक श्मशान के कोयले से लगा सकता है ।सिंदूर के अभाव में हल्दी तिलक भी लगा सकते है। 22वे दिन हवन अनिवार्य है। साधना से पूर्व और साधना के बाद यक्ष नमस्कार अनिवार्य है। माला को गोमुखी में रखे। काँसे की थाली 600 ग्राम की होनी चाहिये। बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाये। सामग्री में कच्चा नारियल पानी वाला,सफेद ,हरी, लाल मिठाई,फल रखें।लाल गुलाब की माला चढ़ाय। मन्त्र- ॐ ह्रौं भीम वक्राय स्वाहा। चमेली के तेल का चौमुखा दिया जलाये।केवड़े का जल ,अगरबत्ती,इत्र का प्रयोग करे।शरीर पवित्रीकरण, सामग्री पवित्रीकरण करे।वास्तुदोष पूजन,गुरुपूजन करे। शेष यक्ष निम्न है-महावक्र,सिंह वक्र,ध्यानेत्राय,गर्दभास्य,महावीर,बहुवक्र, गजानन,विभ्रम्,बाहुक,वीर,सुग्रीव,रंजक,पिशाचस्य,ज्रम्भक, वामक,अर्थद,जयद, मणिभद्र,मनोहर।।। उपरोक्त यक्षों की सिद्धियां भी भीम यक्ष के समान होती है किन्तु यक्षणमस्कार मे अंतर होता है। गुरुदेव अशोक कुमार चन्द्रा हरिद्वार उत्तराखण्ड email id vishnuavtar8@gmail.com 00917669101100 00919997107192 00918868035065
Post Top Ad
Your Ad Spot
Tuesday, April 10, 2018
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Post Top Ad
Your Ad Spot
Author Details
Ut wisi enim ad minim veniam, quis nostrud exerci tation ullamcorper suscipit lobortis nisl ut aliquip ex ea commodo consequat. Duis autem vel eum iriure dolor in hendrerit in vulputate velit esse molestie consequat.
No comments:
Post a Comment