@@इंद्रजाल श्मशानी देवी(धुलेश्वरी देवी) स्त्री वशीकरण मन्त्र सिद्धि@@
बहुत कम साधको ही इस बारे में मालूम है की श्मशान देवी धूलेश्वरी स्त्री वशीकरण का अमोघ अस्त्र है।जितनी भी स्त्री वशीकरण की क्रियाये श्मशान में मुर्दे की राख से की जाती है उनमे धूलेश्वरी देवी प्रथम है।
इस क्रिया में साधक श्मशान से चिता की राख लेकर आते आते है और घर पर उसका पूजन करते है,मन्त्र सिद्धि होने के बाद साधक उसी राख से अमुक स्त्री को वशीभूत करता है।यह वशीकरण क्रिया मुस्लिम क्रिया शिपली इलम से भी 100 गुना ज्यादा ताकतवर होती है,,अगर स्त्री पर शिपली इल्म है तो उसके ऊपर इस राख का प्रयोग उसका पति कर दे तो इल्म टूट जाता है और इल्म का जिन्नाथ स्त्री को छोड़कर भाग जाता है।जब स्त्री के सिर पर अभिमन्त्रित राख साधक डालते है तो स्त्री की गति धीमी हो जाती है,उसके चेहरे पर सूजन आ जाती है कुछ घण्टो के लिये।उसके बाद उसका दिमाग,दिल साधक की और आकर्षित होता है और हमेशा रहता है।यह सब कुछ ही घण्टो में हो जाता है ।स्त्री अपने ऊपर से अपना कण्ट्रोल खो देती है और साधक को तन मन धन से चाहती है,किन्तु साधक को इस विद्या का दुरूपयोग नही करना चाहिये।
यह राख शनिवार या रविवार को मसान से लायी जाती है।शनिवार को लाये तो स्त्री की चिता की राख हो और रविवार को लाये तो पुरुष की चिता की राख हो।
यह सिद्धि किसी भी ग्रहण से शुरू की जा सकती है और रविवार को मसान से राख 3 मुट्ठी ले आये।इस राख को पूजन फल फूल नैवेद्य दीया अगरबत्ती से करे और मन्त्र जप भी करे।21 दिन में साधक को सिद्धि प्राप्त हो जायेगी।इसके बाद साधक इस शक्ति का प्रयोग ऐसी जगह करे जहाँ स्त्री अपने परिवार को छोड़कर पराये पुरुष के साथ सम्बन्धो में हो,,मन्त्र से अभिमंत्रित करके इस राख को 5 चुटकी ले और उसके पति को दे जिससे वह अपनी पति को पुनः प्राप्त कर सके।जैसे ही उसका पति राख उसके सिर पर डालेगा उसको अपने पति से प्रेम उत्पन्न हो जायेगा और पर पुरुष से स्त्री नफरत करने लगेगी।
यहां सिद्धि का पूर्ण विधान नही दिया जायेगा,,योग्य साधक को ही यह सिध्दियां प्रदान की जाती है।
राख हमेशा मुर्दे की पैरो वाली जगह से उठायी जाती है ।पहले चिता को नमस्कार करे फिर आज्ञा लेकर मसान से राख ले आये।
यह सिध्दियां पूर्ण परीक्षित और प्रमाणिक है।इस मन्त्र साधना को साधक किसी योग्य गुरु से सीख कर मानव भलाई कर सकते है या हमारे संपर्क से भी सीखकर मानव भलाई कर सकते है।
मन्त्र।
ॐ नमो धूलि धूलेश्वरी
धूलि मातेश्वरी जहाँ लागे
अमुकी जागे।
साधना से पूर्व गुरु मन्त्र,सुरक्षा मन्त्र अनिवार्य है।
गुरु अशोक कुमार चन्द्रा
हरिद्वार उत्तराखण्ड
हेल्पलाइन
07669101100
08868035065
09997107192
ईमेल id
vishnuavtar8@gmail.com
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Sunday, February 5, 2017
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